अवधेश राय हत्याकांड में वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हुए मुख्तार अंसारी

वादी के अधिवक्ता और मुख्तार हुए आमने-सामने बहस करने पर जताई आपत्ति

किसी से मिलने नहीं देने का लगाया आरोप, अगली सुनवाई 13 अप्रैल को

31 साल पुराने मामले में अभियोजन तथा बचाव पक्ष के गवाहों का दर्ज हो चुका है बयान

वाराणसी। चर्चित अवधेश राय हत्याकांड मुकदमे की सुनवाई अंतिम चरण की ओर अग्रसर है। मुकदमे में अंतिम बहस शुरू हो चुकी है। मंगलवार को अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से बहस की शुरुआत डीजीसी आलोक चंद्र शुक्ल ने किया, जिनका सहयोग एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने किया। बहस में अभियोजन पक्ष की ओर से दलील दी गई कि कि घटना वाले दिन मुख्तार के साथ भीम सिंह, कमलेश सिंह, राकेश न्यायिक, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम मारुति वैन से उतरे और अवधेश राय पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई, जिससे उनकी मौत हो गई।

अभियोजन कि बहस पूरी हुई, तब वादी के अधिवक्ता अनुज यादव व विकास सिंह ने बहस करनी चाही तब जरिये वीसी से बांदा कारागार से पेश पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि अभियोजन के सरकारी वकील के आलावा वादी के निजी अधिवक्ता बहस नहीं कर सकते। वे सिर्फ सहयोग कर सकते है। अपने आपत्ति के समर्थन में मुख्तार अंसारी ने दिल्ली की सीबीआई कोर्ट का हवाला दिया, जिसमे वादी के निजी अधिवक्ता को
बहस कि अनुमति नहीं दी गई थी। वह सिर्फ सीबीआई के वकील का सहयोग कर रहे थे। मुख्तार अंसारी ने इस बाबत कानूनी नजीर भी देने की बात कहा। मुख्तार ने आरोप लगाया कि उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जाता है। मुख्तार ने कोर्ट से यह भी अनुरोध किया कि उसके ऑनलाइन पेश होने पर ही मुकदमे की सुनवाई की जाय। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तिथि नियत कर दी।

बतादें कि तीन अगस्त 1991 को लहुराबीर क्षेत्र में स्थित आवास के गेट पर ही दिनदहाड़े अवधेश राय के ऊपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी गई थी। पूर्व विधायक अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, कमलेश सिंह, भीम सिंह व राकेश न्यायिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया था। 31 साल पुराने इस मामले में अभियोजन तथा पक्ष के गवाहों का बयान दर्ज हो चुका है।

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