बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में आज रंगभरी एकादशी की रही धूम। काशी में आज मौका था मां गौरा के गोने का जिसका साक्षी पूरा बना शहर। बाबा, गौरा की विदाई कराकर काशी विश्वनाथ मंदिर में विराजे। महंत आवास से लेकर मंदिर परिसर तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जोरो सौर से गाना बजाकर नाचकर जश्न मनाया गया।
पालकी में सवार मां गौरा और बाबा विश्वनाथ की प्रतिमाओं के भक्तों ने दर्शन किए। काशी की गलियों में मथुरा से आए अबीर और गुलाल की होली खेली गई। शोभायात्रा देखकर हर किसी के कदम रुक गए। हर-हर महादेव के जयघोष से गलियां गूंज उठा
शोभायात्रा जब हरिश्चंद्र घाट पर पहुंची तो भोले बाबा और मां पार्वती ने जलती चिताओं के बीच भस्म की होली खेली। रंगभरी एकादशी के एक दिन बाद यानी चार मार्च को महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर भी चिता भस्म की होली खेली जाएगी।
गुलाल से नहा उठती है पूरा काशी
रंगभरी एकादशी के दिन रंग और गुलालों से काशी मानों नहा उठती है।
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