वाराणसी। ग्रामीण न्यायालय खोले जाने से सिविल कोर्ट (जिला न्यायालय) के अधिवक्ता सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। उक्त बातें शनिवार को युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव व अधिवक्ता विकास सिंह ने कही।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण न्यायालय खुलने से सबसे ज्यादा दीवानी कचहरी के अधिवक्ता प्रभावित होंगे। उसमें भी सबसे ज्यादा प्रभाव फौजदारी के अधिवक्ताओं पर पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे ही ग्रामीण न्यायालय खुलेंगे, वैसे ही दीवानी न्यायालय में काम कम हो जाएगा और अधिवक्ताओं के समक्ष भुखमरी की नौबत आ जायेगी। साथ ही युवा अधिवक्ता जो एक दो काम को पाकर अपनी जीविका चलाते हैं। वो पूरी तरह से बेरोजगार हो जाएंगे। ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि ग्रामीण न्यायालय खुलने से वकीलों को फायदा कम नुकसान ज्यादा होगा।
विकास सिंह ने कहा कि अधिवक्ता समुदाय इस ग्रामीण न्यायालय का पुरजोर विरोध करेगा। साथ ही यदि जरूरत पड़ेगी तो सड़क पर उतरकर आंदोलन के लिए भी बाध्य होगा। उन्होंने कहा कि मैं प्रदेश सरकार व उच्च न्यायालय से मांग करता हूँ कि अधिवक्ता हित को देखते हुए तत्काल ग्रामीण न्यायालय की स्थापना की परिकल्पना को बंद करें। साथ ही अधिवक्ताओं से पूर्व से किये जा रहे भेदभाव को खत्म करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण न्यायालय का पूरे प्रदेश के अधिवक्ता संघ की बैठक करके उसका विरोध किया जाएगा। साथ ही राजनीतिक दलों से भी इस संबंध में मंत्रणा करके उनका भी इस विरोध प्रदर्शन में सहयोग लिया जाएगा।
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