महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ छात्रसंघ चुनाव

कुलपति के कहने पर ही हुई थी सारी कार्यवाही

महामंत्री पद पर धांधली का मामला

वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रसंघ चुनाव विवादों में घिर गया है। इस छात्रसंघ चुनाव में महामंत्री पद पर धांधली करते हुए हारे हुए प्रत्याशी को विजयी घोषित किए जाने को लेकर मामला गरमाता जाता है। इस मामले में एनएसयूआई के नेताओं ने एक वीडियो व एक शपथ पत्र जारी किया है। जिसमे इस पूरे मामले में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति समेत चुनाव अधिकारी व चुनाव कराने वाली एजेंसी को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। इस शपथ पत्र में चुनाव कराने वाली एजेंसी के हेड प्रदीप शुक्ला ने स्वीकार किया है कि उक्त चुनाव में महामंत्री पद पर अभिषेक सोनकर का कुल मत जोड़ने पर 1425 आ रहा है, वहीं इसी पद पर प्रत्याशी प्रभु पटेल का कुल मत 1426 आ रहा है। जिसका डाटा भी वह उपलब्ध करा सकते है। इसके साथ ही प्रदीप शुक्ला ने यह भी स्वीकार किया है कि इसमें जो भी कार्य हुए हैं, वह सभी कुलपति के आदेश पर हुआ है। वहीं वायरल वीडियो में चुनाव अधिकारी ने भी स्वीकार किया है कि वह मार्च में ही विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हो चुके थे, बावजूद इसके उन्हें इस चुनाव में चुनाव अधिकारी बनाया गया था। जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया। इस मामले में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व महामंत्री व युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि यदि विश्वविद्यालय के कुलपति ही राजनीति का हिस्सा बनकर धांधली कर व करवा रहे हैं तो यह बहुत ही शर्मनाक है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व हाइकोर्ट से इस मामले को स्वतः संज्ञान लेते हुए कुलपति समेत इस धांधली में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कारवाई करने की मांग की है। साथ ही इस मामले में कुलपति के खिलाफ़ अदालत जाने का भी मन बना लिया है।

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