निष्काम सेवा से गाय कामधेनु बन जाती है-प्रो प्रभुनाथ सिंह मयंक

केराकत, जौनपुर।
बृहद गौ आश्रय सरौनी पूरब पट्टी के तत्वावधान में आयोजित गोपाष्टमी पर्व पर गोपालकों,किसानों और समाजशिल्पियों को संबोधित करते हुए प्रो प्रभुनाथ सिंह मयंक ने कहा कि निष्काम सेवा से गाय कामधेनु बन जाती है .
विश्व को दूध,दही,घी, गौमूत्र और गोमय का आरोग्यकारी, पुष्टिकर अवदान देने के कारण ही गाय को रुद्रों की माता और वसुओं की दुहिता कहा गया है.गाय देवताओं की यज्ञ संपन्नता का अमृत श्रोत बनकर लक्ष्मी की भांति पूजनीय बन गयी है. गाय के पंचगव्य के चिकित्सा आधार पर असाध्य रोगों से भी अल्पव्यय में आरोग्य प्राप्त हो रहा है.
गाय के सहारे गोकाष्ठ , गोबर गैस प्लांट, भरपूर आक्सीजन,भोजनपाक इत्यादि की सहज सुविधा सुलभ हो गयी है.
अपने उद्बोधन के समय प्रो मयंक जी ने वेदों, पुराणों, महाकाव्यों और शोधकार्यों के व्यापक संदर्भ प्रस्तुत किये.
कार्यक्रम का संचालन करते हुए आशु कवि कमला सिंह तरकश ने कहा कि गाय भारत के कृषि संस्कृति और लोकहित चिंतन का महत्त्वपूर्ण आधार बन चुकी है
इसकी पुष्टि में उन्होंने श्री राम, श्री कृष्ण व अन्य ऋषियों के प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत किये और उन्होंने संध्या सिंह द्वारा संचालित गो आश्रय संध्या सिंह तथा उनके सहयोगियों के द्वारा की जाने वाली उत्कट गो सेवा की भूरि- भूरि प्रशंसा की.गो आश्रय की संचालिका संध्या सिंह ने आभार प्रकट करते हुए कहा कि संघर्षमय चुनौतियों का सामना करते हुए मैं निर्जन गोमती के तट पर गो आश्रय में अंतिम सांस तक गो सेवा हेतु संकल्प बद्ध रहूंगी.
उक्त कार्यक्रम में प्रेम चंद दूबे, पंकज सिंह,जवाहर यादव,आलोक साहू, राकेश गिरि,जिला पंचायत प्रतिनिधि पप्पू सरोज,अंजनीकुमारसिंह,आकाश सिंह,महंथा सिंह, निर्भय सिंह आदि ने अपने विचारों के साथ। सहभाग किया

जिला संवाददाता पंकज सिंह जौनपुर

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