महिलाओं ने रखा जीवित्पुत्रिका व्रत और किया पूजन

पिंडरा।
ग्रामीण क्षेत्र में पुत्र की लंबी आयु के लिए महिलाओं ने कठिन व्रत रखकर रविवार की शाम को जीवित्पुत्रिका का पूजन अर्चनविधि-विधान पूर्वक किया ।
मान्यता के अनुसार भगवान कृष्ण ने अपने सभी पुण्य कर्मों का फल उत्तरा की अजन्मी संतान को देकर उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को पुनः जीवित कर दिया था
भगवान श्री कृष्ण की कृपा से जीवित होने वाले इस बच्चे को जीवित्पुत्रिका का नाम दिया गया तभी से संतान की लंबी उम्र और मंगल कामना के लिए हर वर्ष इस व्रत को करने की परंपरा निभाई जाती है ।
इसी परंपरा के तहत महिलाओं ने रविवार को दिनभर कठिन व्रत रखकर शाम को जीवित्पुत्रिका की पूजा अर्चना विधि-विधान पूर्वक किया ।
मनौती पूरी होने पर परंपरा के तहत गाजे-बाजे के साथ महिलाएं पूजन स्थल पर पहुची और फल ,फूल, केला , पूड़ी हलवा एवं श्रृंगार के सामान इत्यादि जीवित्पुत्रिका की पूजा में चढ़ाया। इस दौरान पिंडरा, फूलपुर, सिंधोरा, गरथमा, भानपुर,ओदार, मंगारी, कुआर व कठिराव समेत अनेक बाज़ारो व गांवो के तालाबो व नदी के किनारे पूजा करने के लिए भीड़ दिखी।

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