अधिकारियों के उत्पीड़न से उद्योग बन्द करने के कगार पर उद्यमी


पिंडरा।
पीएम नरेंद्र मोदी आने से रातो रात सजने सवरने वाला करखियाव स्थित एग्रो पार्क फिर उजड़े चमन की ओर अधिकारियों के उत्पीड़न की कार्यवाही के चलते अग्रसर है। जिससे आधा दर्जन से अधिक फैक्ट्रिय बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। इसमें से दो ताला भी लगा चुके हैं । जिसमे बिस्कुट, नमकीन व पशु चारा की फैक्ट्री है। इसका कारण यूपीएसआईडीसी व यूपीसीडा विभाग का द्वारा। उत्पीडन बताया जा रहा है। उद्यमियों ने चेतावनी दी है यदि सरकार इन विभागों के अफसरों पर नकेल नहीं कसती तो और उद्यमी उद्योग बन्द करने के लिए बाध्य होंगे।
बताते हैं कि उद्यमियों के पलायन के कारण मुख्य कारण प्रदूषण विभाग और यूपीसीडा के अफसर द्वारा बार-बार नोटिस देकर ईटीपी पर कार्रवाई करने से उद्योगों के विकास में अरोड़ा अटका रहे हैं ।
इंडस्ट्रीज एग्रो पार्क के उद्यमियों की माने तो प्रदूषण विभाग कोई भी इंडस्ट्रीज चले नहीं दे रहे। ईटीपी के नाम पर नोटिस जारी कर परेशान किया जा रहा है । टैक्स देने के बाद भी बेहाल है उद्यमी
— बताते हैं कि ईटीपी लगाने की जिम्मेदारी प्रदूषण विभाग की होती है। लेकिन विभाग खुद लगाकर उद्यमियों को लगाने के लिए बाध्य कर रही है। औद्योगिक क्षेत्र की साफ-सफाई से लेकर एसटीपी की जिम्मेदारी यूपीसीडा के अफसरों की है। इसके लिए प्रतिवर्ष 16 रुपये स्क्वायर मीटर के हिसाब से विभाग के अफसर सालाना टैक्स लेते है। टैक्स देने के बाद भी साफ सफाई की जिम्मेदारी उद्यमियों पर दिया जाता है। उद्यमियों को जिला पंचायत को टैक्स अलग से देना पड़ता है। इस बाबत उद्यमी राजेश अग्रवाल का कहना है प्रदेश सरकार उत्तर प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही है। उसके लिए इन्वेस्टर्स समिट से लेकर सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। वही दूसरी तरफ अधिकारियों द्वारा शोषण किया जा रहा है। नाम न छापने पर कुछ उद्यमियों ने बताया कि यूपीएसआईडीसी व यूपीसीडा व प्रदूषण विभाग के अफसरों की जांच करें तो भ्रष्टाचार की बड़ी मछली सामने आएगी।

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