वीर सपूत जवान श्याम जी यादव का पार्थिव शरीर पहुँचा उनके गांव, शहीद का दर्शन करने के लिए ग्रामीणों का उमड़ा जनसैलाब

लोहता/वाराणसी: लोहता थाना क्षेत्र के सरवनपुर गांव निवासी सेना के जवान श्याम जी यादव का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह वाराणसी पहुंचा। जवान का पार्थिव शरीर पहुंचने की सूचना मिलने पर आसपास के दर्जनों गांवों से हजारों लोग जवान के घर पहुंचे।
वहीं पार्थिव शरीर के पहुच जाने के बाद कोई भी वरिष्ठ पुलिस प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था जिसको लेकर परिजनों में नाराजगी थी। जवान के जीजा संजय यादव ने बताया कि अधिकारियों को जवान का पार्थिव शरीर आने की जानकारी थी लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर तत्काल नही पहुंचा,जब तक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचेंगे तब तक अंत्येष्टि नहीं की जाएगी।
सेना के जवान श्यामजी यादव की जम्मू कश्मीर में तैनाती थी। गत शनिवार को पठानकोट के एक होटल में उनका शव संदिग्ध हालात में मिला था। जवान के पास मिले पहचान पत्र और मोबाइल नंबर के आधार पर परिजनों को सूचना दी गई थी। सूचना मिलने के बाद परिजन पठानकोट गए थे और जांच पड़ताल सहित अन्य प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद जवान का शव परिजनों को दिया गया, जिसे लेकर भारतीय सेना के जवान और परिजन बुधवार सुबह सर्वनपुर गांव पहुंचे। जवान का पार्थिव शरीर गांव के बॉर्डर पर पहुंचते ही भारत माता की जय के नारे लगाते हुए लोग घर तक पहुंचे, जहां पर पार्थिव अभी शरीर रखा गया था।वही घण्टो बाद उपजिलाधिकारी राजातालाब के साथ रोहनिया विधायक सुरेंद्र सिंह भी मौके पर पहुचे। श्याम जी के दो बेटे और एक बेटी है। जवान की पत्नी इंदो यादव सहित बेटी नेहा तथा बेटे नितिन और किशन का रो रोकर बुरा हाल है। जवान श्याम जी तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। यह भी बता दें कि सरवनपुर गांव के काफी संख्या में युवा भारतीय सेना में नौकरी की तैयारी कर रहे हैं। गांव की यादव बस्ती के हर घर से कोई न कोई सेना में नौकरी भी करता है। यही कारण है कि जवान के प्रति लोगों की सहानुभूति और अधिक है तथा काफी संख्या में लोग जवान के घर पर जुटे रहे,उनकी मांग थी कि जब तक जिलाधिकारी मौके पर नही आएंगे तब तक शव को नही उठाया जाएगा, ग्रामीणों ने मांग किया कि पहले शहीद को शहीद का दर्जा दिया जाए ,कोटवा अकेलवा मार्ग शहीद के नाम से हो,शहीद के पत्नी को मुवावजा तथा नौकरी दिया जाए। एसडीएम राजातालाब ने परिजनों को मोबाइल से डीएम से बात कराया ,जहां जिलाधिकारी महोदय ने परिजनों द्वारा मांग को स्वीकार किया गया।उसके बाद पार्थिव शरीर का शव अंत्येष्टि के लिए नारो के साथ रवाना किया गया।
रिपोर्ट श्याम सुन्दर पटेल

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