गोरखपुर
आसमान में बादलों का डेरा है और जमीन पर बारिश की बूदों का बसेरा है। लाचार धूप इस माहौल से दूर रहने के लिए मजबूर है। ऐसे में दोपहर में भी कई बार सुबह का अहसास हो रहा है। आमतौर पर ऐसा मौसम पहाड़ों पर देखने को मिलता है लेकिन फिलहाल इसे देखने के लिए किसी पहाड़ पर जाने की जरूरत नहीं। गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में यह माहौल बीते तीन दिन से बना हुआ है। रूक-रूक कर कभी फुहारें पड़ रही है तो कभी बूंदाबादी से लेकर हल्की बारिश बरसात के मौसम का अहसास करा रही है।
पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवातीय हवाओं का क्षेत्र है बारिश की वजह, जारी रहेगा सिलसिला
मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय इसकी वजह पश्चिमोत्तर भारत बनने वाली वायुमंडलीय परिस्थितियों को बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि उत्तरी पाकिस्तान और सटे जम्मू-कश्मीर के ऊपर एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। इसके अलावा राजस्थान से लेकर दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश की ऊपरी हवाओं 3000 फीट की ऊंचाई पर एक चक्रवातीय हवा का क्षेत्र बना हुआ है। इसके परिणामस्वरूप दिल्ली से लेकर लखनऊ तक अच्छी बारिश हुई है। इसी वायुमंडलीय परिस्थिति के चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश के आसमान में बादल छाए हुए हैं और रूक-रूक कर बारिश का सिलसिला जारी है।
ऐसा रहा कल का मौसम
शनिवार को भी पूरे दिन रह-रह कर कहीं फुहारें पड़ी तो कहीं बूंदाबादी से लेकर हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग के पैमाने पर यह बारिश 1.2 मिलीमीटर रिकार्ड की गई। हालांकि बादलों ने तापमान बहुत गिरने नहीं दिया। शनिवार को गाेरखपुर का अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम विज्ञानी रविवार को भी गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र में 50 प्रतिशत स्थान पर गरज-चमक के साथ हल्की बारिश का पूर्वानुमान जता रहे हैं।
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