गोरखपुर विश्‍वविद्यालय : प्री-पीएचडी परीक्षा में छात्रों ने फाड़ी कापी, जमकर किया हंगामा

गोरखपुर

तीन साल की मशक्कत के बाद सात जनवरी को शुरू हुई दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 2019-20 सत्र के प्री-पीएचडी विद्यार्थियों की परीक्षा हंगामे की भेंट चढ़ गई। प्रश्नपत्र का प्रारूप बदले जाने का आरोप लगाते हुए कुछ छात्रों ने दीक्षा भवन मेंं जमकर हंगामा किया। इस दौरान उन्होंने करीब 100 विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका फाड़ दी और परीक्षा का बहिष्कार कर दिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए देर शाम विश्वविद्यालय प्रशासन ने हंगामा करने वाले विद्यार्थियों को निष्कासित करने का निर्णय लिया। निष्कासित किए जाने वाले विद्यार्थियों पर मुकदमा दर्ज कराने का निर्णय भी लिया गया।

छह माह के अंदर परीक्षा लिए जाने का है नियम

प्री-पीएचडी की परीक्षा छह महीने में ले लिए जाने का नियम है लेकिन यह परीक्षा अलग-अलग कारणों से तीन साल में भी ली नहीं जा सकी थी। इसे लेकर छात्र लंबे समय तक आंदोलित रहे। उन्होंने पखवारे भर विश्वविद्यालय गेट पर धरना भी दिया। इसी बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने सात और नौ जनवरी को परीक्षा की तिथि घोषित कर दी। छात्रों ने जब परीक्षा के प्रारूप को लेकर जानकारी मांगी तो विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें आश्वस्त किया गया कि जितना पढ़ाया गया है, सवाल उसी में से आएगा।

रिसर्च मैथडोलाजी की परीक्षा में हुआ हंगामा

सात जनवरी यानी सात जनवरी को दोपहर एक बजे से रिसर्च मैथडोलाजी विषय की परीक्षा शुरू हुई। प्रश्नपत्र हाथ में आते ही कुछ छात्र शोर मचाते हुए परीक्षा कक्ष से बाहर आ गए। उनका आरोप था कि जिस प्रारूप के तहत परीक्षा कराए जाने का आश्वासन दिया गया था, प्रश्नपत्र उसके ठीक विपरीत दिया गया है। छात्रों का हंगामा बढ़ता देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने दीक्षा भवन के सारे गेट बंद करवा दिए और पीएसी बुला लिया। हालांकि इस दौरान मुख्य नियंता प्रो. सतीश चंद्र पांडेय ने छात्रों को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं माने।

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