वाराणसी में कोरोना में उपचार के लिए महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा को 50 करोड़ का प्रस्ताव, तैयार किया गया है 288 बेड

वाराणसी

जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। अब तो कुछ मरीजों को भर्ती करने की भी नौबत आ रही है। पांडेयपुर स्थित पंडित दीन दयाल अस्पताल में दो व चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में तीन कोरोना के मरीज भर्ती हैं। इसके कारण चिंता बढ़ गई है। वहीं बीएचयू अस्पताल ने भी इसके लिए कमर कस ली है। अस्पताल प्रशासन ने कोरोना के मरीजों के बेहतर उपचार के लिए डीजीएमई (महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा) को 50 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है।

मालूम हो कि कोरोना के गंभीर मरीजों के उपचार के लिए बीएचयू ही पूर्वांचल का एकमात्र लेवल-3 का अस्पताल हैं। इस लिए यहां पर 288 बेड तैयार कर लिया गया है। इसमें 30 बेड बच्चों के लिए भी है। कोरोना की दूसरी लहर में बीएचयू में चिकित्सा सेवा किए जाने के विभिन्न मद में करीब 15 करोड़ का बकाया है। इसके कारण कई वेंडर अभी भी चक्कर लगा रहे हैं। इसके अलावा आइएमएस बीएचयू में बने वीडीआरएल लैब भी बकाए के कारण बंद कर दी गई है। खैर, इसे लेकर जिला प्रशासन भी गंभीर है। अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो उपचार में फंड की कमी बाधा नहीं बने इसके लिए डीजीएमई ने खुद पहल की है। बीएचयू अस्पताल ने यहां की जरूरतों की पूर्ती के लिए फंड की मांग के लिए खिला था। सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता ने बताया कि डीजीएमई के निर्देश पर लगभग 50 करोड़ का प्रस्ताव भेज दिया गया है। बताया कि अगर यह राशि मिल जाती है तो काफी हद तक समस्या दूर हो जाएगी। साथ ही पुराने बकाए का भी भुगतान किया जा सकता है। इससे जरूरी उपकरण एवं उपचार संबंधी सामग्री भी मंगाई जा सकती है।

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