अब आफलाइन नहीं बनेगा राशन कार्ड, आनलाइन करना पड़ेगा आवेदन

वाराणसी। प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड बनाने की मौजूदा फलाइन प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इसके लिए नियमों में बदलाव किया गया है। नये नियम के तहत आवेदक को खुद आॅनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए संबंधित दस्तावेज आॅनलाइन ही अपलोड करने होंगे। अपर मुख्य सचिव खाद्य व रसद वीना कुमारी मीना ने इस बाबत जिलाधिकारियों और जिला पूर्ति अधिकारियों को निर्देश दिया है।जी हां, राशन कार्ड के लिए अब आवेदकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। आॅफलाइन के बजाय आॅनलाइन ही आवेदन पत्र भेजना होगा। आॅनलाइन आवेदन होने से विभागीय अधिकारी बहानेबाजी भी नहीं कर पायेंगे और उनकी जवाबदेही भी रहेगी। संबंधित विभाग के अधिकारी को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट भी लगानी होगी। इसके बाद आपूर्ति विभाग राशन कार्ड बनाने पर अंतिम मुहर लगाएगा। नए राशन कार्ड के लिए जन सेवा केंद्र के माध्यम से आॅनलाइन आवेदन किया जा सकता है। आवेदन प्रपत्रों पर आवेदक का स्व-हस्ताक्षरित अभिलेख की एक पीडीएफ फाइल अपलोड करनी होगी। इसके बाद आने वाली ओटीपी का सत्यापन होने पर आवेदन प्रमाणित होगा। यह आवेदन सीधे डीएसओ के पास पहुंचेगा।विभागीय सूत्रों की मानें तो आवेदन के साथ लाभार्थी को मोबाइल फोन नंबर, परिवार के मुखिया व सभी सदस्यों के आधार कार्ड की छायाप्रति, मुखिया की फोटो, बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की छायाप्रति लगानी होगी। दरअसल, मौजूदा राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल थी, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए। आवेदक आॅफलाइन आवेदन की प्रक्रिया तो पूरी करता था, लेकिन डीएसओ कार्यालय से फॉर्म निकालकर उसे क्षेत्रीय कार्यालय व बीडीओ के पास भेजा जाता था। यहां आवेदनकर्ताओं को परेशानी उठानी पड़ती थी। यहां तमाम तरह के बहानेबाजी की जाती रही। ऐसे में आवेदक दफ्तरों का चक्कर लगाते हार-थककर घर बैठ जाता था। नई व्यवस्था में ऐसा नहीं होगा।विभागीय सूत्रों की मानें तो आवेदक जिस जन सेवा केंद्र से राशन कार्ड के लिए आवेदन करेगा, उसका विवरण केंद्र के संचालक को भी रखना होगा। किसी समय उनसे यह मांगा जा सकता है। आवेदनकर्ता से अधिक वसूली की शिकायत मिलने पर जन सेवा केंद्र के संचालक के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। व्यवस्था की निगरानी की जिम्मेदारी ई-डिस्ट्रिक मैनेजर को दी गई है।

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