मृत्युभोज व शवयात्रा में जलपान का बहिष्कार कर लोगों ने कफ़न की जगह आर्थिक मदद का लिया निर्णय

वाराणसी प्रथा जब समाज पर बोझ बन जाय तो उसे खत्म कर देना चाहिए। सिंधोरा जब जब समाज में प्रथा बोझ बनने लगी तब-तब उसके खिलाफ लोगों ने प्रमुखता से आवाज उठाकर उसे खत्म करने का काम लोगों ने किया है। रविवार को विकास खंड पिंडरा के सिंधोरा थाना अन्तर्गत ग्राम सभा चमरु (मुर्दी) में स्थति प्राचीन वनसत्ती माता मंदिर पर समस्थ गांव के लोगों ने बैठक कर के यादव व अन्य समाज के लोगों ने तेरहवीं भोज के आयोजन का बहिष्कार कर एतिहासिक फैसला लिया। बताते चलें कि एक ही दिन में दो लोगों के मृत्यु के उपरान्त लिया गया यह फैसला दोनों मृतक के परिजनों मिलकर जिला पंचायत सदस्य शरद यादव व समाज सेवी सुनिल यादव के आवाह्न पर लिया गया। तेरहवीं में न खाएंगे न खिलाएंगे और शवयात्रा में शामिल कोई भी जलपान नहीं करेगा कफ़न के स्थान पर आर्थिक सहयोग दिया करेंगे। वरिष्ठ नागरिक तुकाराम यादव ने कहा कि समय के हिसाब से जिस प्रकार सती प्रथा जैसी कुरीतियों को समाप्त कर विधवा विवाह आरम्भ कर महिलाओं को हक़ और सम्मान समाज में दिया गया उसी तरह समाज पर बोझ बनी मृत्यु भोज जैसी कुरीतियों को समाप्त कर देना चाहिए।इस मौके पर डा भोला यादव,प्रभुनाथ यादव अरबिन्द यादव, कमलेश यादव वकील, प्रधान कबिनद्र यादव, पप्पू यादव,रामकृत यादव, बिरेंद्र यादव, अमरनाथ यादव, अभिषेक, चन्द्रशेखर, अनिल,व खुटहा के प्रधान बबलू राम व गांव के सभी नौजवान बड़े बुजुर्ग सम्मानित लोग उपस्थित रहे।

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