गौ आधरित प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय जागरुकता कार्यक्रम सम्पन्न

पिंडरा ।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, कल्लीपुर के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर नरेंद्र रघुवंशी के दिशा निर्देश में गौआधारीत प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय विकासखंड स्तरीय जागरुकता कार्यक्रम पिंडरा ब्लॉक के उदपुर गाँव में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक श्रीप्रकाश सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए उसके घटकों के बारे में बताया जैसे बीजामृत, जीवामृत तथा घनजीवामृत बनाने की विधि तथा फसलों में प्रयोग करने के बारे में बताया। जागरुकता कार्यक्रम में उपस्थित केंद्र के पादप सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ0 नवीन कुमार सिंह ने फसलों में लगने वाले कीट एवं व्याधियों के प्रबंधन हेतु प्राकृतिक कीटनाशक नीमास्त्र, अग्नियास्त्र, ब्रह्मास्त्र तथा दशपर्णी अर्क को बनाने तथा उसके प्रयोग के बारे में बताया। गृह वैज्ञानिक डॉ0 प्रतीक्षा सिंह ने बताया की प्राकृतिक खेती के माध्यम से महिलाओं एवं अपने बच्चों की स्वास्थ्य के लिए पोषण वाटिका लगाने पर ज़ोर दिया। डॉ0 राहुल कुमार सिंह ने बताया कि किस प्रकार प्राकृतिक खेती विषमुक्त उत्पाद तथा स्वस्थ जीवन का सृजन करती है। यदि किसान प्राकृतिक खेती को अपनी कृषि पद्धति का एक हिस्सा बनाता है तो उसकी लागत दिन प्रतिदिन कम होती जाएगी और उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी होती रहेगी। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ अमितेश कुमार सिंह ने प्राकृतिक खेती से मृदा में कार्बनिक पदार्थ को कैसे बढ़ाएं कि, जिससे पौधे पोषक तत्वों को आसानी से ग्रहण करने में सक्षम हो सके इसके बारे में जानकारी दी। केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉक्टर राहुल कुमार सिंह ने प्राकृतिक विधी से मोटे अनाजों की खेती करने के विषय पर ज़ोर देते हुए बताया की वर्ष 2023 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा “मोटें अनाजों का अंतराष्ट्रीय वर्ष” घोषित किया गया है। डॉक्टर सिंह ने बताया की मोटें अनाजों के सेवन से जहाँ एकतरफ पोषक तत्वों की बहुतायत मात्रा शरीर को मिलता है वहीं वहीं दूसरी तरफ़ इसे आय का भी उत्तम साधन बनाया जा सकता है। अध्यक्षयी सम्बोधन देते हुए केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र रघुवंशी ने उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए सभी किसानो को कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़कर कृषि में नवीनतम तकनीकों का समावेश करने की सलाह दी। इस अवसर पर उदपुर के प्रगतिशील किसान राजेंद्र सिंह एवं इंद्रसेन सिंह सहित लगभग 150 से भी अधिक किसानो ने प्रतिभाग किया।

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