बार के बाईलॉज में बदलाव युवा अधिवक्ताओं के भविष्य पर प्रहार- विकास सिंह

वाराणसी। एक ओर जहां पूरे देश में युवाओं को राजनीति में आगे आने और समाजहित में कार्य करने के लिए आगे आने को प्रेरित किया जा रहा है, वहीं अधिवक्ताओं के संगठन यानी बार एसोसिएशनों में युवा अधिवक्ताओं को बार की राजनीति से दूर करने की योजना है। पहले सेंट्रल बार एसोसिशन और अब बनारस बार एसोसिशन में भी बाईलॉज में संशोधन किए जाने की पहल की जा रही है। इसको लेकर अधिवक्ताओं में बहुत आक्रोश है। युवा अधिवक्ता अब इस मामले को लेकर बार एसोसिएशनों के खिलाफ मुखर हो गए है।
युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव व अधिवक्ता विकास सिंह ने इस संबध में एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है की युवा अधिवक्ताओं से जिस प्रकार बार एसोसिशन द्वारा भेदभाव किया जा रहा है, वह उचित नहीं है। इससे युवा अधिवक्ताओं का हित प्रभावित हो रहा है। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब अधिवक्ताओं को मातृ संस्था बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में बिना किसी प्रैक्टिस अनुभव के युवा अधिवक्ता चुनाव लड़ सकता है, तो फिर अपने लोकल बार एसोसिएशन में वह ऐसा क्यों नहीं कर सकता है? उन्होंने कहा कि बार के बाईलॉज में संशोधन केवल युवा अधिवक्ताओं का नुकसान करने की नीयत से किया जा रहा है। जिससे युवा अधिवक्ता बार की राजनीति में हिस्सा न ले सकें और उन्हें आगे बढ़ने का मौका न मिले।
उन्होंने कचहरी के पदाधिकारियों और वरिष्ठ अधिवक्ताओं को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वह लोग केवल अपने फायदे के लिए बाईलॉज में संशोधन कर रहे हैं। जिससे बार की राजनीति में केवल उनका ही वर्चस्व कायम रहे और वो बार-बेंच को अपने मनमाने ढंग से चला सके। लेकिन युवा अधिवक्ता इसका पुरजोर विरोध करेगा।

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