बताते चले कि करखियाव निवासी अखिलेश राजभर की पत्नी प्रियंका राजभर 32 वर्ष गत 12 मार्च को सूरत में रह रहे पति से बात कर मायके में जाने को लेकर घर से निकली। लेकिन वहाँ न पहुचने पर उसके श्वसुर गजराज ने 13 मार्च को गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस और परिजन खोजबीन कर रहे थे। लेकिन कोई सुराग नही लगा। लेकिन 24 मार्च को भदोही के जोगियापुर थाना चौरी स्थित एक गांव के कुएं में उसका शव मिला। भदोही की टीम ने जब गुमशुदगी के रपट के आधार पर श्वसुर व फूलपुर पुलिस को सूचना दी। जिसपर श्वसुर गजराज व विवाहिता का भाई महेश राज निवासी मगरहा थाना चुनार मिर्जापुर के साथ पहुचा और कपड़े के आधार पर उसकी शिनाख्त की। उसके बाद 27 मार्च को फूलपुर थाने पर पहुचा मृतका के भाई महेश राजभर ने उसके बहनोई अखिलेश के साथ काम करने वाले जीतमणि यादव निवासी जोधापुर सुरियावां भदोही के खिलाफ 366, 201 व 302 के तहत मुकदमा दर्ज कराया। जिसमे आरोप लगाया कि बहनोई के गैर मौजदूगी में अक्सर बहन से मिलने आता था और यही बहला फुसलाकर कर अपने साथ उसे ले गया और बाद में उसकी हत्या कर दी। इस बाबत इंस्पेक्टर मुन्नाराम ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर आरोपित के गिरफ्तारी में पुलिस जुट हुई थी। गुरुवार को दोपहर 12 बजे फूलपुर के बरही कला से आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। चौकी प्रभारी राधेश्याम राम ने बताया कि अवैध संबंध को लेकर विवाद हुआ था और गला दबाकर हत्या करने के बाद उसे कुएं में फेंक दिया था।
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