गोरखपुर
कैबिनेट मंत्री और कुशीनगर सदर विधानसभा सीट से विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य ने 11 जनवरी को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने भाजपा का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। चुनाव के ठीक पहले उनके इस कदम से सियासी चर्चाओं का बाजार गरम हो गया है। मौर्य के पाला बदलने से कुशीनगर जिले का राजनीतिक समीकरण बदलना तय है।
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री थे स्वामी
प्रदेश सरकार में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री रहे स्वामी प्रसाद वर्ष 2009 में कुशीनगर लोकसभा सीट पर बसपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और हार का सामना करना पड़ा था। कुंवर आरपीएन सिंह के सांसद बनने के बाद खाली हुई पडरौना सदर विधानसभा सीट पर 2009 में ही हुए उप चुनाव में वह बसपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और जीत हासिल हुई।
2012 में चुनाव जीतकर बने नेता प्रतिपक्ष
इसी सीट पर 2012 में भी उन्हाेंने जीत दर्ज की और नेता प्रतिपक्ष रहे। वर्ष 2016 में उन्होंने बसपा का साथ छोड़कर आठ अगस्त को भाजपा का दामन थाम लिया। 2017 में सदर विधानसभा सीट जीत कर उन्होंने हैट्रिक लगाई। भाजपा के साथ लगभग पांच वर्ष के सफर में मौर्य ने अपनी बिरादरी के अलावा अन्य वर्ग के लोगों में भी अपनी मजबूत पकड़ बना ली है। अगर वह दूसरे दल में जाते हैं तो समीकरण कुछ इधर-उधर हो सकता है।
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