एमएमयूटी छात्र ने विकसित की डिजिटल सर्किट, मुश्किल होगा मोबाइल व कंप्‍यूटर हैक करना

गोरखपुर

डेटा के बढ़ते बोझ से कंप्यूटर और मोबाइल हांफ रहे हैं। डाटा सुरक्षा की समस्या भी निरंतर बनी हुई है। इन परेशानियों से मुक्ति दिलाने के प्रयास में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) के इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग विभाग के शोधार्थी मंगलदीप गुप्ता को अपने विभागाध्यक्ष प्रो. आरके चौहान के मार्गदर्शन में बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने एक ऐसा डिजिटल वीएलएसआइ (वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन) सर्किट डिजाइन की है, जिससे कंप्यूटर और मोबाइल फोन की रफ्तार तो बढ़ेगी ही, उसमें मौजूद डाटा की सुरक्षा सापेक्षिक रूप से बढ़ जाएगी। इस सर्किट के जरिए क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांड कोड) को भी और अधिक सुरक्षित बनाया सकेगा।

कई अंतरराष्‍ट्रीय जनरल में छप चुका है शोध पत्र

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्टैंडर्ड टेक्नालाजी के मानक पर यह शोध खरा पाया जा चुका है। शोध से जुड़े आधा दर्जन से अधिक शोधपत्रों को अंतरराष्ट्रीय जर्नल में भी जगह मिल चुकी है। सफलता से उत्साहित शोधार्थी मंगलदीप ने अपने डिजिटल सर्किट को पेटेंट कराने के लिए आवेदन किया है। विभागाध्यक्ष प्रो. चौहान ने बताया कि इस डिजिटल सर्किट को ऐसे डिजाइन किया गया है कि इसमें लगने वाले ट्रांजिस्टर कम से कम स्थान घेरें। जब कम स्थान में अधिक ट्रांजिस्टर कार्य करेंगे ताे उनकी ताकत बढ़ जाएगी।

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