पंजाब की रैली में भीड़ न जुटा पाने पर प्रधानमंत्री और भाजपा का कांग्रेस पर आरोप तथ्यहीन और अनर्गल

पंजाब के फिरोजपुर में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयोजित रैली में भीड़ न जुट पाने की वजह से इस पूरे प्रकरण को प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जोड़ना बेहद ही हल्की और ओछी राजनीति है । भारत एक संघीय साशन प्रणालि वाला देश है । इस देश की एक – एक इंच जमीन पर हर भारतीय का अधिकार है । कोई भी देश के किसी भी हिस्से में बिना रोक – टोक के आ और जा सकता है । प्रधानमंत्री का पद देश का प्रधानमंत्री होता है नकि किसी पार्टी का । कांग्रेस ने देश मे लोकतंत्र को हमेशा से मजबूत किया । कांग्रेस ने कभी भी मोदीजी जैसा विपक्षहीन लोकतंत्र की कल्पना नही की । कांग्रेस ने अपने दो – दो प्रधानमंत्रियों को खोया है, इसलिये हमे शहादत दर्द मालूम है । जो किसान एक साल से भी ज्यादे समय तक बिना किसी हिंसा के शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करते हैं, अपने साढ़े सात सौ किसान भाइयों की शहादत देते हैं, आखिर वे उस समय जब हर दर्द सह सकते हैं, तो भला अब वे हिंसा क्यों करेंगे ? आख़िर किसान भी इसी देश के नागरिक हैं । वे अपने प्रधानमंत्री की जान क्यों लेंगे ? देश – दुनिया को यह मालूम है कि साढ़े सात सौ किसान भाइयों की जान किसकी ज़िद की वजह से गयी । वस्तुतः प्रधानमंत्री को जिस रुट से जाना था,अचानक उस तय शुदा रुट को बदल दिया गया तथा साथ ही बिना बताए नए रुट से जाने से यह सब हुआ । यहां कोई किसी तरह की कोई सुरक्षा चूक का कोई मामला नही था । यह सिर्फ जानबूझकर रैली में भीड़ न जुट पाने का एक बहाना है । यह सब पहले से सोची समझी रणनीति के तहत भाजपा की एक राजनैतिक कलाबाज़ी है। आज भाजपा और प्रधानमंत्री की किसान विरोधी छवि दुनिया के सामने है । मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने हाल ही में एक बयान दिया है कि जब वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से किसानों के मुद्दे और उनकी शहादत पर मिलने गए तो प्रधानमंत्री घमंड से चूर थे, तथा उन्होंने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से कहा कि – किसान मेरे लिए नही मरे हैं । प्रधानमंत्री जैसे गरिमामयी पद पर बैठे व्यक्ति का किसानों को लेकर इस के सोच से किसानों के प्रति मोदी जी की सोच को सहजता से ही समझा जा सकता है । पंजाब समेत पूरे देश मे आज न सिर्फ मोदीजी का बल्कि भाजपा की जनविरोधी नीतियों की वजह से जनता विरोध कर रही है । पंजाब में जो कुछ हुआ, वह भाजपा और प्रधानमंत्री की राजनैतिक पैंतरेबाजी है । सभा स्थल पर भीड़ का न होना और खाली कुर्सियों को सुरक्षा से जोड़ना भाजपा की हारी हताशा और पराजय को दर्शाता है । अजय राय पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक

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