पिंडरा ।सन्त प्रमोद दास महाराज ने कहाकि जीवन को सदगति
हमारो मन राधा ले गई रे, मथुवन वन में गाय चराऊ, जब रामायण मे लंका पे सेतु बन रहा था , जो भगवान को जितना देता है भगवान उसको उससे जादा देता है गोबर्थन भगवान
एकमात्र साधन प्रभु का सुमिरन है। बिना सुमरिन के सदगति नही मिल सकती। उक्त प्रवचन नारायण बाबा पब्लिक इण्टर कॉलेज खालिसपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के पांचवे दिवस परम पूज्य संत श्री प्रमोद दास महाराज ने देते हुए कही। उन्होंने बताया कि जीव को जग से नहीं बल्कि जगदीश से जुड़ना चाहिए। जग हमारे दुख का कारक है। संसार का सुख वासना में निहित है, जबकि राम जैसा सुख उपासना से ही प्राप्त होता है, आगे बताया कि पुरुषार्थी को सदैव ही विष का पान करना पड़ता है। कोन कितना बडा दोस्त है वो बिपटी में पता चलता है विष अर्थात विरोध। कथा का रसपान विजय तिवारी , गोतम सिंह, राम सनेही पांडेय, सतीश सिंह बिंदु पटेल समेत सैकड़ो लोगों ने कथा का रसपान किया।
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