जीएसटी को PMLA के अंतर्गत ED के दखल के विरोध के सम्बन्ध में।

विदित हो कि व्यापारी अहित में दिनांक 08 जुलाई, 23 को शनिवार रात्रि को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय (राजस्व विभाग) द्वारा एक अधिसूचना जारी कर गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स नेटवर्क (GSTN) को धन-शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (Prevention of Money Laundering Act or PMLA) के तहत डाल दिया गया है, यह धारा 66 की उपधारा (1) के खण्ड (ii) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए शामिल करने का फैसला लिया गया है।इसका मतलब यह है कि अब जीएसटी से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate or ED) सीधा दखल दे सकेगी।
ED, जीएसटी में करापवंचन करने वाले फर्म, व्यापारी या संस्था के खिलाफ सीधे कार्यवाही कर सकती है, जिसके तहत सरकार या सार्वजनिक प्राधिकरण को व्यापारियों द्वारा गैर कानूनी तरीके से कमाए गए धन और संपत्ति को जब्त करने का अधिकार दिया गया है, जोकि सरासर गलत है, इस व्यापारी विरोधी फैसले का समाजवादी व्यापार सभा कड़े शब्दों में निन्दा और विरोध करती है।

उक्त प्रकरण में समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष माननीय प्रदीप जायसवाल के निर्देश पर जिलाधिकारी द्वारा महामहिम राष्ट्रपति महोदया को सम्बोधित ज्ञापन पत्र प्रत्येक जिले में जिला/महानगर अध्यक्ष के नेतृत्व में मुख्यालय पर सौंपने के प्रदेशव्यापी कार्यक्रम के क्रम में आज वाराणसी में समाजवादी व्यापार सभा के तत्वाधान में जिलाध्यक्ष श्री चरन दास गुप्ता सभासद एवं महानगर अध्यक्ष श्री रवि जायसवाल के नेतृत्व में जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में आए एसीएम तृतीय श्रीमती आकांक्षा सिंह को जीएसटी से ED के दखल का फैसला वापस लेने के लिए ज्ञापन पत्र सौंपा गया।

जिलाध्यक्ष चरन दास गुप्ता ने कहा कि जीएसटी को PMLA के तहत ED को लाने की अधिसूचना सरकार के व्यापारी समस्याओं के प्रति संवेदनहीनता को उजागर करती है, इससे इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार बढ़ेगा, जिससे हमारे भोले भाले व्यापारी अपना व्यापार बंद करने को मजबूर हो जाएंगे, पहले से ही व्यापारियों को बर्बाद करने वाली विसंगतिपूर्ण और जटिल जीएसटी को अब ईडी के तहत लाने के सरकार के फैसले की व्यापारी समाज निंदा करता है, यह काले कानून वाला फैसला व्यापारियों की रीढ़ की हड्डी तोड़ने वाला फैसला है,
इस फैसले से इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा तत्पश्चात अधिकारी हमारे व्यापारी की मेहनत से अर्जित धन और संपत्ति को टैक्स चोरी से कमाई गई संपत्ति कहकर और डरा कर धमकाकर व्यापारियों का शोषण एवं दोहन करेंगे।

महानगर अध्यक्ष रवि जायसवाल ने कहा कि विदित हो कि अभी फर्म पंजीयन सत्यापन के नाम पर सेंट्रल एवं स्टेट जीएसटी के अधिकारियों द्वारा व्यापारियों को उत्पीड़ित करने की शिकायत लगातार आ रही है, तभी GSTN को PMLA में शामिल करने से और ED को सीधा व्यापारियों पर हस्तक्षेप करने की ताकत देने से अब यह स्थिति कोढ़ में खाज का काम करेगा, इससे व्यापारियों का उत्पीड़न बढ़ेगा।

अन्त समाजवादी व्यापार सभा के पदाधिकारियों ने व्यापारी हित में एक सुर में मांग की कि देश के प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री को तत्काल प्रभाव से इस व्यापारी विरोधी काले कानून को वापस लेना चाहिए।

ज्ञापन पत्र कार्यक्रम में मुख्य रूप से निवर्तमान प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मुरलीधर जायसवाल, जिला उपाध्यक्ष धीरज गुप्ता,महानगर उपाध्यक्ष संजीव जायसवाल,सचिव रविशंकर यादव,मीडिया प्रभारी सत्यम श्रीवास्तव,विजय जायसवाल,मनीष सेठ,शिव सेठ,मुख्तार ,सलमान अली आदि लोग उपस्थित थे।

आदि शामिल थे।

भवदीय,

(चरन दास गुप्ता, सभासद)
जिलाध्यक्ष,
मो. 7905202384

(रवि जायसवाल)
महानगर अध्यक्ष,
मो. 9336807080

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