राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में नमामि गँगे एवं पोषण माह कार्यक्रम संपन्न


गंगा से ही समस्त मानव संस्कृति का उद्भव और विकास माना गया–डॉ दिनेश गर्ग


संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई तथा महिला अध्ययन केंद्र के द्वारा आज भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के निर्देश पर भारतीय स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष के उपलक्ष्य मे “आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतरगत विश्वविद्यालय के “राष्ट्रीय सेवा योजना” के तत्वावधान में वाराणसी स्थित रमना गांव में एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य विषय नमामि गंगे एवं राष्ट्रीय पोषण माह था।
उक्त कार्यक्रम में गंगा के महत्व को बताते हुए मुख्य अतिथि एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉक्टर दिनेश गर्ग ने कहा की गंगा से ही समस्त मानव संस्कृति का उद्भव माना जाता है। अगर किसी कारण गंगा में किसी भी प्रकार का बदलाव आता है तो वह निश्चित ही मानव जीवन को प्रभावित करेगा। गंगा माँ को तृप्ति की देवी और प्रकृति के सृजन की देवी माँ के रूप में हम पूजा करते आ रहे हैं। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर पुष्पा उपाध्याय ने सहज योग के बारे में विस्तार से समस्त ग्रामीणों को बताया कि यह मानव जीवन के लिये कितना उपयोगी और सार्थक है।। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्रोफेसर विधु द्विवेदी ने महिला स्वास्थ्य में आहार की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा की आहार ही हमारे जीवन को स्वस्थ बना सकता है।स्वस्थ आहार से स्वस्थ मस्तिष्क और विचार का जन्म होता है।कार्यक्रम के प्रारम्भ में में मंगलाचरण डॉक्टर कुंज बिहारी द्विवेदी , अतिथियों का स्वागत डॉक्टर विद्या कुमारी चंद्रा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर विशाखा शुक्ला ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजा पाठक ने किया। गांव के प्रधान अमित ने ग्रामीण बालिकाओं का माल्यार्पण से स्वागत किया एवं उन्हें मुखर होने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में 100 से अधिक ग्राम वासियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया।

Share this news