वाराणसी। अधिवक्ता कल्याण कोष में जमा धनराशि को लेकर अब अधिवक्ता आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इस संबंध में एक जनहित याचिका भी दाखिल की गई है। जिस पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की बेंच ने सुनवाई करते हुए इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब देने को कहा है।
युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव व अधिवक्ता विकास सिंह ने इस संबंध में एक विज्ञप्ति जारी कर कहा की प्रदेश सरकार अधिवक्ता हितों की अनदेखी कर रही है। वह अधिवक्ताओं के स्वास्थ्य, पेंशन योजना में खर्च किए जाने वाली अधिवक्ता कल्याण कोष में जमा धनराशि का भुगतान नहीं करके अधिवक्ताओं के साथ अन्याय कर रही है। जिसको लेकर अधिवक्ताओं में प्रदेश सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा की यदि प्रदेश सरकार ने जल्द से जल्द उक्त धनराशि को अवमुक्त नहीं किया तो अधिवक्ता सड़क पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे और जब प्रदेश के लाखों अधिवक्ता अपने हक के लिए सड़क पर उतरेंगे तो प्रदेश सरकार को उनकी आवाज को दबा पाना मुश्किल हो जायेगा।
अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा की अधिवक्ता कल्याण स्टैंप से इकट्ठा 354 करोड़ से अधिक धनराशि राज्य सरकार के पास है। उक्त फंड को ट्रस्टी कमेटी के पक्ष में अवमुक्त करने का राज्य सरकार से कई बार अनुरोध किया किंतु सरकार वकीलों के कल्याण के लिए एकत्र धनराशि अवमुक्त नहीं कर रही है। इसे एडवोकेट वेलफेयर फंड ट्रस्टी कमेटी के सदस्यों के स्वास्थ्य, पेंशन योजना में खर्च किया जाना है। लेकिन प्रदेश सरकार अधिवक्ता कल्याण राशि अवमुक्त करने के अनुरोध की लगातार अनदेखी कर रही है।
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