स्वामी विवेकानंद का जीवन चरित्र आज भी प्रासंगिक– डॉ जगदीश

पिंडरा।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पूर्व प्रदेश सचिव डॉ जगदीश सिंह दीक्षित ने कहाकि स्वामी विवेकानंद जी का जीवन चरित्र आज भी युवाओ के लिए प्रेरणास्रोत होने के साथ प्रासंगिक है।
उक्त बातें गुरुवार को कथौली स्थित मां शारदा देवी महिला महाविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के बैनर तले आयोजित कर्तव्य बोध दिवस समारोह में बतौर मुख्यातिथि कही। पूर्व शिक्षक श्री दीक्षित ने कहाकि स्वामी विवेकानंद ने विश्व मे भारत की खोई हुई प्रतिभा को स्थापित करने तथा भारत विश्व गुरु की पदवी दिलाने में महती भूमिका दिलाई। उनका पूरा जीवन युवाओं को बौद्धिक रूप से जागरूक करने और सनातन धर्म को स्थापित करने के प्रति समर्पित रहा। उन्होंने कहाकि स्वामी विवेकानंद ने जीवन चरित्र को सभी युवाओ को पढ़ना चाहिए। वक्ता विजयेंद्र नारायण सिंह ने कहाकि स्वामी विवेकानंद और सुभाष चंद्र बोस के जंयती 12 जनवरी से 23 जनवरी को कर्तव्य बोध दिवस के रूप में मनाने का उद्देश्य है कि हम अपने सभ्यता और संस्कृति को स्वामी विवेकानंद के विचारों और आदर्शों से प्रासंगिक बनाया जा सके। संचालन छात्रा उजाला मिश्रा, सोनम व अर्चना स्वागत प्रधानाचार्या भावना श्रीवास्तव धन्यवाद ज्ञापन प्रबन्धक राखी सिंह ने ज्ञापित किया।
इसके पूर्व स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर दीप प्रज्वलित करने के पुष्प अर्पित कर सभी ने नमन किया। इसके बाद छात्राओ ने स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र पर अपने विचार रखते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इस दौरान अनिता गुप्ता, नवीन सिंह, ओमप्रकाश यादव, दिलीप यादव, जटाशंकर सिंह, जेपी सिंह व परमानन्द समेत अनेक लोग रहे।

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