खेती के साथ दूसरे विकल्पों पर भी ध्यान दें किसान– डीजीएम नाबार्ड

पिंडरा।
देश की आधी से अधिक जनसंख्या खेती पर निर्भर है बावजूद इसके उनकी आय सिर्फ फसलों से होने वाले आमदनी पर ही सीमित है । खेती का काम कुछ ही समय तक चलता है जबकि इसके साथ डेयरी, पोल्ट्री, मधुमक्खी पालन और बागवानी की जाए तो निश्चित ही आमदनी दोगुनी नहीं तीन गुनी तक पहुंच जाएगी।
उक्त बातें रविवार को क्षेत्र के जनकपट्टी में बनारस बड़ागांव बीकीपर्स प्रोड्यूसर कंपनी के सदस्यों को संबोधित करते हुए डीडीएम नाबार्ड अनुज कुमार सिंह ने कही। उन्होंने कहाकि समूह में शक्ति होती है एफपीओ के रूप में आपको एक बेहतरीन माध्यम मिला है। सरकार आपकी मदद करना चाह रही है लेकिन पहल आपको ही करनी होगी। डीडीएम नाबार्ड ने स्पष्ट किया की इन किन्हीं भी कार्यों के लिए यदि आपको बैंक के ऋण से लेकर अनुदान तक में परेशानी आती हो तो उसका समाधान करने के लिए एपीओ ही नहीं नाबार्ड पूरी तरीके से आपके साथ हैं । समस्त कागजी औपचारिकता पूर्ण कराने के संग जल्द से जल्द आपको वांछित लाभ दिलवा सकता है । जिला उद्यान अधिकारी सुभाष राय ने बड़ी संख्या में जुटी महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण भी आय का एक अच्छा जरिया हो सकता है इसमें छोटे से छोटे को लेकर बड़े उद्योग तक स्थापित करने के लिए सरकार की तरफ से अनुदान की व्यवस्था की गई है । इसके अलावा वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक ज्योति सिंह ने महिलाओं को मधुमक्खी पालन से संबंधित जानकारी दी। उन्हें आश्वस्त किया कि समूह को तैयार करें तो जल्द ही प्रशिक्षण भी कराया जाएगा । कंपनी के चेयरमैन पवन सिंह ने कहा कि लघु और सीमांत किसान संस्था से जुड़े हैं बड़े उद्योग स्थापित करने के बजाए इन्हें रोजगार पर कार्यक्रमों का प्रशिक्षण दिया जाए साथ ही जो भी सरकारी अनुदान मिल सकता है ।कार्यक्रम में कंपनी के सीईओ प्रदीप पटेल, लेखाकार सतीश कुमार पटेल के अलावा कुसुम देवी, मनोजा देवी , सीता देवी, रेखा पटेल , मंजू पटेल समेत अनेक महिलाएं रही।

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