वाराणसी
काशी तमिल समागम के संदर्भ में आयोजित काशी तमिल दिव्यांग क्रिकेटम् एक अद्भुत आयोजन है। उत्तर एवं दक्षिण भारत के बीच की दूरी का कारण राजनीतिक है सामाजिक नहीं। हिंदी संपूर्ण भारत की संपर्क भाषा है भारत में केवल 3% लोग ही अंग्रेजी जानते हैं जबकि हिंदी की जानकारी कम या अधिक लगभग भारत के सभी राज्यों में है दक्षिण भारत में काशीनाथ तथा उत्तर भारत में रामेश्वर नाम बहुतायत लोगों का मिल जाएगा जो दोनों के मजबूत सांस्कृतिक संबंध का प्रतीक है उपरोक्त बातें डॉ कमलेश पांडेय, पूर्व मुख्य आयुक्त (दिव्यांगजन) भारत सरकार ने वाराणसी के जयनारायण इंटरमीडिएट कॉलेज वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी दिव्यांग प्रकोष्ठ, उत्तर प्रदेश एवं ऑल इंडिया दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से आयोजित की गई दो दिवसीय दिव्यांग T-20 क्रिकेट प्रतियोगिता के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही।
समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए तमिलनाडु के राष्ट्रीय सेवक संघ के वरिष्ठतम् प्रचारक श्री सुंदर लक्ष्मण जी ने समारोह को तमिल में हिंदी भाषा में संबोधित करते हुए कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना का यह क्रिकेट मैच सर्वोत्तम उदाहरण हो सकता है। उन्होंने कहा कि जो लोग काशी यात्रा करने के बाद तमिलनाडु जाते हैं उनका लोग उनका देवता के समान सम्मान करते हैं तथा काशी का कलवा (रक्षा सूत्र) बांधने का प्रचलन घर-घर है जो एक भारत श्रेष्ठ भारत का प्रतीक है।
कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी महामंत्री काशी विद्वत परिषद ने कहा कि जिनके अंदर सेवा की भावना होती है ईश्वर उन्हें कभी भी भाव नहीं होने देते है यह आयोजन सेवा भाव का उत्तम उदाहरण है।दिव्यांग प्रकोष्ठ भारतीय जनता पार्टी एवं ऑल इंडिया दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ उत्तम ओझा ने बताया कि यह अति महत्वपूर्ण प्रतियोगिता प्रधानमंत्री जी के “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का मूर्त रूप है। भारत को जोड़ने की नहीं सभी को इसको समझने की आवश्यकता है।
आल इंडिया दिव्यांग क्रिकेट एसोसिएशन के महासचिव और दिव्यांग प्रकोष्ठ भाजपा के वाराणसी महानगर संयोजक डॉ संजय चौरसिया ने अतिथियों का स्वागत करते हुए गंगा-कावेरी सांस्कृतिक व खेलकूद के महत्व को रेखांकित किया। आयोजन सचिव श्री अजीत प्रकाश श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में आए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
आयोजन समिति के चेयरमैन श्री वेंकटरमन घनपटी ने अपने शुभकामना संदेश प्रेषित किया।
इस अवसर पर मीडिया प्रभारी डॉ मनोज तिवारी, डॉ तुलसी दास, डॉ नीरज खन्ना, सुमित सिंह, भावेश सेठ, मदन मोहन वर्मा, प्रदीप सोनी, आशुतोष प्रजापति, धीरज चौरसिया, सुबोध राय, प्रदीप राजभर, चंद्रकला रावत आदि उपस्थित थे।
अंतिम दिन के पहले मैच में तमिलनाडु के पहले बैटिंग करते हुए 102 रन पर ऑल आउट हो गयी तमिल टीम की ओर से निशांत ने ओपनिंग करते हुए 4 चौके और 1 छक्के की मदद से 45 रन 36 बाल खेलकर बनाया, शाहगुन ने 30 रनों का योगदान 27 बाल खेलकर बनाया। काशी टीम की ओर से लव कुमार ने 2 ओवर 5 गेंद में 13 रन देकर तीन विकेट लिया जबकि अजहर ने 4 ओवर में 16 रन खर्च करके तीन विकेट लिया। काशी की टीम ने मैच को जीता लवकुमार ने 20 रनों वह अजहर ने 24 रनों का योगदान दिया। शील प्रकाश ने सर्वाधिक 35 रनों का योगदान दिया उन्होंने 5 चौके लगाएं। तमिल टीम की ओर से शेंथील सर्वाधिक 2 विकेट लिए।
तीन मैचों की सीरीज के तीसरे मैच में काशी टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 19 ओवर में आउट होकर 124 रन बनाए, काशी की टीम की ओर से राहुल व दिनेश में 18-18 रनों का योगदान दिया, तमिल टीम की ओर से लक्ष्मणन् ने 4 ओवरों में 15 रन खर्च करके 3 विकेट लिया। तमिलनाडु की टीम ने लक्ष्य का पीछा करो इसे 14 ओवरों में लक्ष्य पूरा करके मैच अपने नाम कर लिया। मैच में तो तमिलनाडु टीम के कप्तान सचिन ने 51 रनों का महत्वपूर्ण योगदान दिया जबकि काशी टीम की ओर से अजहर व शील प्रकाश ने 1-1 विकेट लिया। तमिल टीम के कप्तान सचिन शिवा को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया, जबकि काशी टीम के अजहर को मैन ऑफ द सीरीज घोषित किया गया उन्होंने पूरी सीरीज के दौरान 9 विकेट लिया और 2 बार मैन ऑफ द मैच रहे। इस तरह से इस तीन मैचों की सीरीज को काशी की टीम ने 2-1 से सुब्रमण्यम भारतीय कप को जीत लिया। अतिथियों ने संयुक्त रूप से विजेता एवं उपविजेता टीम को ट्रॉफी प्रदान किया तथा दोनों टीमों के खिलाड़ियों को स्मृति चिन्ह प्रदान करके प्रोत्साहित किया।
जय नारायण इंटर कॉलेज के मैदान पर टी-20 मैच के दौरान दोनों ही टीमों ने कई बेहतरीन शॉट खेले तथा क्षेत्ररक्षण का बेहतरीन नमूना प्रस्तुत किया जिससे मैदान में उपस्थित विशाल जनसमूह ने तालियों की गड़गड़ाहट एवं सीटी बजाकर उत्साहवर्धन करती रही।
रिपोर्ट श्याम सुंदर पटेल
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