अवधेश राय हत्याकांड – 31 साल पुराने मामले में पहले विवेचक से जिरह पूरी, मुख्तार अंसारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई पेशी


वाराणसी में 31 साल पहले चर्चित अवधेश राय हत्याकांड मामले में शुक्रवार को तत्कालीन विवेचक उदयभान सिंह से जिरह पूरी हो गई। विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) की कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गवाही हुई। अब अगले गवाह कृपाशंकर शुक्ला और चिक लेखक राजकुमार यादव को अगली तिथि सात अक्तूबर को कोर्ट ने पेश होने का आदेश दिया। साथ ही अदालत ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से गवाही-जिरह की कार्यवाही के लिए नियुक्त समन्वयक एडीजीसी विनय कुमार सिंह व तृप्ति वर्मा की उपस्थिति में साक्षी का साक्ष्य अंकित किया और उसकी रिकार्डिंग की। उस पर साक्षी का हस्ताक्षर करवाकर तीन दिन में मूल प्रति न्यायालय के समक्ष प्रेषित करने का भी निर्देश दिया गया।
इस दौरान अदालत में मामले के मुख्य आरोपी पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बांदा जेल से पेशी हुई। अदालत में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी वादी के अधिवक्ता अनुज यादव व विकास सिंह एवं एडीजीसी ज्योति शंकर उपाध्याय भी मौजूद रहे।
माफिया मुख्तार और उसके साथियों के खिलाफ दर्ज है मुकदमा
तीन अगस्त 1991 को लहुराबीर स्थित आवास पर ही बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर अवधेश राय की हत्या कर दी थी। भाई अजय राय ने माफिया मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह व राकेश न्यायिक समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मामले में पहले विवेचक रहे उदयभान सिंह के अस्वस्थ होने के चलते उनके बयान व जिरह की कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कराने का आदेश दिया था।

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