नाजायज दबाव बनाने के लिए ऐसा करना निंदनीय
वाराणसी। पहले राजातालाब और उसके बाद पिंडरा में जिस तरह से अधिवक्ताओं के ऊपर फर्ज़ी तरीके से एफआईआर दर्ज कराई गई है, वह अत्यंत निंदनीय और अनुचित है। यदि अधिवक्ता किसी सरकारी कार्य के गलत ढंग से किये जाने का विरोध करे तो उसके ऊपर इस तरह बेबुनियाद आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराया जाना कदापि उचित नहीं है। उक्त बातें युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव व अधिवक्ता विकास सिंह ने कही।
उन्होंने कहा कहा कि पहले राजातालाब तहसील के लेखपाल द्वारा गलत ढंग से कार्यवाही करने का विरोध करने पर लेखपाल द्वारा राजातालाब तहसील के अधिवक्ता के ऊपर फर्ज़ी तरीके से मनमाना आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करवाया गया। अभी इस घटना के कुछ ही दिन हुए इस बीच पिंडरा तहसील के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ लेखपाल द्वारा पैसा लेकर जमीन कब्जा कराए जाने का विरोध करने पर अधिवक्ता के खिलाफ फूलपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। ऐसी घटनाओं की जांच होनी चाहिए और गलत कार्य करने वाले लेखपालों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।
उन्होंने तहसील की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि आज तहसील में भ्रष्टाचार चरम पर है। किसी भी कार्य को बिना सुविधा शुल्क लिए नही किया जाता है। दाखिल खारिज की फाइलें सालों से आदेश व रिपोर्ट के इंतजार में लटकी पड़ी है। जिसके लिए गरीब वादकारी से लगायत अधिवक्ता तहसील के चक्कर काटते-काटते थक जा रहे हैं, लेकिन बिना सुविधा शुक्ल के उनके काम आगे नहीं बढ़ाये जाते है।
अधिवक्ता विकास सिंह ने राजातालाब व पिंडरा के एसडीएम से मांग किया कि वह इन दोनों घटनाओं की जांच करवाकर मामले की सत्यता पता करें और दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ निष्पक्ष कार्यवाही करें। ऐसा नही होने पर इस तरह की घटना से समाज मे सरकार व अधिकारियों के खिलाफ वैमनस्य फैलेगा, जिसके परिणाम काफी गंभीर होंगे।
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