नैनो यूरिया देश की दशा व दिशा तय करने वाला खोज– उपजिलाधिकारी

नैनो यूरिया देश की दशा व दिशा तय करने वाला खोज– उपजिलाधिकारी पिंडरा।
प्रशिक्षु उपजिलाधिकारी/ बीडीओ विकास चंद ने कहाकि नैनो यूरिया का प्रयोग कर कम लागत में किसान बेहतर उत्पादन लेने के साथ देश के आर्थिक विकास में मदद कर देश को दोहरा लाभ दे सकते है। नैनो यूरिया देश की तरक्की का दशा व दिशा तय करने वाली खोज है।


उक्त बातें विकास खण्ड मुख्यालय मंगारी पर नैनो यूरिया के प्रयोग व फायदे पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहाकि पारम्परिक यूरिया के सापेक्ष नैनो यूरिया का प्रयोग करने से किसानों की आय तो बढ़ेगी ही साथ ही उर्वरक में लगने वाली सब्सिडी भी बचेगी। जिससे राष्ट्र समृद्धिशाली बनेगा। इफको के अक्षय कुमार पांडेय ने नैनो यूरिया के प्रयोग विधि पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि नैनो यूरिया (तरल) दुनिया का पहला नैनो उर्वरक है। नैनो यूरिया नैनो तकनीक आधारित क्रांतिकारी कृषि आदान है जो पौधों को नाइट्रोजन प्रदान करता है। नैनो यूरिया लीचिंग और गैसीय उत्सर्जन को कम करके कृषि क्षेत्रो में होने वाले पोषक तत्वों के नुकसान को कम करने में मदद कर रहा है और पर्यावरण को बेहतर बना रहा है। एडीओ सहकारिता प्रियंका मिश्रा ने कहाकि भारत सरकार सब्सिडी के भार को कम करने के लिए नैनो यूरिया का खोज किया गया।इसके प्रयोग से हजारो करोड़ रुपए की बचत होगी। डॉ अनिल कुमार सिंह ने नैनो यूरिया के सूक्ष्मतम अवयवों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को रखा। ब्लॉक प्रमुख धर्मेंद्र विश्वकर्मा ने उपस्थित किसानों से इसके प्रयोग की अपील की। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि रविशंकर सिंह ने कहाकि इसको न्याय पंचायत स्तर पर संगोष्ठी आयोजित कर जागरूक करने का कार्यक्रम चलाया जाएगा। संचालन सुनील कुमार ने किया। इस दौरान अनिल कुमार यादव, ऋषि कुमार सिंह, इंदुप्रताप सिंह, सुधीर सिंह, दिनेश सिंह, संतोष सिंह, शैलेश मिंश्र, कमल पटेल, रामजियावन पटेल, रामजग पटेल, दिनेश मौर्य समेत दर्ज़नो किसान उपस्थित रहे।

Share this news