वाराणसी
उत्सवों-पर्वों का शहर बनारस हर पर्व को अनूठे ढंग से मनाता है, परंपराओं को सिर-माथे लगाता निभाता है। इस जीवंतता के कारण ही बनारस जिंदा शहर कहा जाता है। यह मकर संक्रांति पर भी नजर आएगा जब बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ को परंपरानुसार खिचड़ी का भोग लगाया जाएगा। हालांकि कोरोना के तेज प्रसार को देखते हुए इस बार केवल परंपरा निर्वहन किया जाएगा।
मकर संक्रांति पर 15 जनवरी को मंगला आरती के बाद बाबा मगदल, तिलकुट, तिल के लड्डू और गुड़-मूंगफली की पट्टी का भोग लगाया जाएगा। मध्याह्न भोग आरती में देशी घी मिश्रित खिचड़ी का भोग लगाया जाएगा। विशेष थाल में इसे दही, पापड़, अचार, चटनी के साथ सजाया जाएगा। सायंकाल सप्तऋषि आरती के बाद बाबा चूड़ा-मटर खाएंगे। इस भोग प्रसाद को श्रद्धालुओं में वितरित किया जाएगा।
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