गोरखपुर
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भाजपा ने विधानसभा चुनाव प्रचार के नजरिए से आइटी योद्धाओं को सहेजना तो पहले से ही शुरू कर दिया था। रैलियों, जनसभाओं और रोड-शो पर रोक लगाकर चुनाव आयोग ने उनके इस निर्णय पर शनिवार की शाम मुहर भी लगा दी। इससे चुनाव की आधिकारिक घोषणा के बाद भाजपा के आइटी योद्धाओं का कागज पर तो नहीं लेकिन महत्व की दृष्टि से ओहदा बढ़ गया है। पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी देर रात तक आइटी और सोशल मीडिया के कार्यकर्ताओं को बदले माहौल में उनकी जिम्मेदारी समझाते रहे।
वर्चुअल रैलियों और वर्चुअल जनसंपर्क अभियान के लिए किया जा रहा था प्रशिक्षित
दरअसल, कोरोना संक्रमण की शुरुआत होते ही भाजपा ने अपने आइटी और सोशल मीडिया प्रभारियों चुनाव प्रचार की दृष्टि से जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसके तहत बाकायदा इन कार्यकर्ताओं को चुनाव के नजरिए से प्रशिक्षित किया जा रहा था। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें वर्चुअल प्रचार अभियान और वर्चुअल रैलियों के सफल आयोजन की तकनीकी बताई जा रही है।
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