एक नज़र वाराणसी के विधानसभाओं में प्रबल भाजपा उम्मीदवारों पर


वाराणसी। 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारी सभी राजनीतिक दल एक तरफ कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए भाजपा में उम्मीदवारों की काफी संख्या दावेदारी कर रही है लेकिन देखना यह है कि उसमें कौन से उम्मीदवार मजबूत दावेदार और मजबूत प्रत्याशी के रूप में उभर कर आते हैं।
बनारस की आठ विधानसभा सीटों में 3 विधानसभा सीट शहर की सीट है और पांच विधानसभा सीट जिले की सीट है देखा जाए तो शिवपुर विधानसभा जो वाराणसी जिले की सीट है और रोहनिया विधानसभा वह लगभग अब नए शहरीकरण को भी काफी हद तक अब प्रभावित कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी की शिवपुर विधानसभा सीट से जहां कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार अनिल राजभर विधायक हैं वही दक्षिणी विधानसभा सीट से कैबिनेट राज्य मंत्री नीलकंठ तिवारी विधायक हैं और वही कैबिनेट राज्य मंत्री ने रविंद्र जयसवाल शहर उत्तरी विधानसभा से विधायक हैं।
ऐसे में भारतीय जनता पार्टी वाराणसी लोकसभा और सभी विधानसभा सीटों में पटेल जाति का महत्व पूर्ण स्थान होने के कारण हो सकता है कि इस बार सेवापुरी की सीट अपना दल के हाथ से लेकर उसे दूसरी सीट पर स्थापित कर सेवापुरी की सीट पर या रोहनिया विधानसभा की सीट पर पटेल जाति का प्रत्याशी उतार सकती है।
और भारतीय जनता पार्टी के दावेदारों की लिस्ट देखी जाए तो वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में पटेल जाति से बनारस के पूर्व मेयर एवं पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य कौशलेंद्र सिंह पटेल एक मजबूत दावेदार हो सकते हैं और कुछ नए चेहरे भी जो भाजपा में शामिल हुए हैं वह भी अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। चाहे सीमापुरी या विधानसभा में या परिवर्तन हो सकता है। वर्तमान विधायक रोहनिया सुरेंद्रनारायण सिंह जी अपनी भूमिहार बिरादरी में एक अच्छी पकड़ रखते हैं और सरल सहज जनप्रतिनिधि भी हैं। ऐसे में भूमिहार बिरादरी को अगर महत्व दिया जाता है तो वह पुनः विधायक हो सकते हैं। वही पुर्व प्रचारक दिनेश नारायण सिंह व पूर्व प्रदेश मंत्री संजय राय हो सकते हैं ।यह विधानसभा भूमिहार और पटेल बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। यही हाल सेवापुरी विधानसभा का भी है और पिंडरा विधानसभा का भी। सेवापुरी विधानसभा में अगर भाजपा अपना प्रत्याशी उतारती है तो वहां भी भूमिहार समाज से किसान मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री अजय सिंह मुन्ना जी पूर्व प्रत्याशी देवेंद्र नारायण सिंह एडवोकेट जी वरिष्ठ चिकित्सक अशोक राय जी एवं महिला मोर्चा भाजपा के नेता सुनीता सिंह जी अभी तक भूमिहार समाज से अपनी दावेदारी में दिख रही हैं। पटेल समाज से अभी भाजपा का कोई विशेष दावेदार तो नहीं दिखता लेकिन वहां वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में पूर्व जिला महामंत्री प्रेम नारायण पटेल जैसे कई चेहरे नए तौर पर सामने आ सकते हैं। भाजपा के वमे अन्य दलों से आए हुए लोग भी प्रत्याशी हो सकते हैं। वही छत्रिय समाज से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुजीत सिंह डॉक्टर जो कि एमएलसी बृजेश सिंह सिंह के भतीजे हैं और सकलडीहा विधायक सुशील सिंह के छोटे भाई हैं वह भी प्रबल दावेदार हैं।
शिवपुर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो वर्तमान विधायक और भाजपा के राजभर समाज में अपना मजबूत नेतृत्व प्रदान करने वाले कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर जी हैं। जिनका चुनाव लड़ना तो तय है लेकिन सूत्रों से पता चलता है कि भाजपा उन्हें अन्य सीट से भी चुनाव लाना चाहती है जो कि ओमप्रकाश राजभर को टक्कर दे सके ऐसे में यदि अनिल राजभर जी शिवपुर विधानसभा सीट को परिवर्तित करते हैं तब अन्य प्रत्याशियों की संभावना बनती है अब तक शिवपुर विधानसभा सीट को राजभर ब्राह्मण मौर्य यादव और कुछ दलित बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है।
ऐसे में समाज से हटकर ब्राह्मण प्रत्याशियों की दावेदारी बहुत मजबूत मानी जा रही है। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हुए रामबहादुर सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष नागेंद्र रघुवंशी जी , ब्राह्मण प्रत्याशियों में पूर्व जिला अध्यक्ष श्री राम प्रकाश दुबे उमेश दत्त पाठक जैसे चेहरे तो है ही लेकिन एक मात्र एक नाम ऐसा है ब्राह्मण प्रत्याशी में जो कि विधानसभा का चुनाव लड़ चुका है वह नाम है पूर्व छात्र नेता एवं वरिष्ठ भाजपा नेता चाणक्य त्रिपाठी का उनकी भी दावेदारी बहुत मजबूत मानी जा रही है।चिर ई गांव विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी रह चुके है।अब तक के प्रमुख दावेदारों में देखा जाए तो शिवपुर विधानसभा में चिरईगांव विधानसभा से चुनाव लड़े हुए तो दो ही प्रत्याशी दावेदार के रूप में मैदान में दिखाई दे रहे है।ऐसे में क्षेत्र से पूर्व में विधानसभा चुनाव में लड़े हुए प्रत्याशी पर संगठन विशेष ध्यान दे सकता है
भाजपा मे
अन्य दलों से कुछ समय पहले आए हुए लोग भी दावेदारी कर रहे हैं।
पिंडरा विधानसभा की चर्चा सूत्रों से यही है कि यह सीट अपना दल समर्थित सीट हो सकती है ऐसे में ऐसे में देखना है कि अपना दल पिडरा से किसे उतारती है।
वहीं दूसरी ओर अजगरा सीट भाजपा लड़ने के मूड में पूरी तरह से है और वहां पर भाजपा के दिलिप सोनकर खादी बोर्ड सदस्य और किसी अन्य भाजपा के अनुसूचित जाति दलित नेता को भी भाजपा उतार सकती है।अभी हाल ही में बसपा से भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक टी राम भी दावेदार हैं। साथ ही दलित नेता के रूप में एससी एसटी आयोग के सदस्य मनोज सोनकर का भी नाम संभावित हो सकता है।
दक्षिण विधानसभा में देखे तो कैबिनेट राज्य मंत्री नीलकंठ तिवारी जी के अलावा लगातार दो बार शहर दक्षिणी से दूसरे स्थान पर प्रत्याशी रहे डॉक्टर दयाशंकर मिश्र दयालु गुरु उपाध्यक्ष पूर्वांचल विकास बोर्ड एवं अन्य कई प्रमुख दावेदार भी सामने आ सकते हैं।
इसी प्रकार हम सबसे मजबूत दावेदारों की प्रमुख दावेदारों की चर्चा करें तो कैंट विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान विधायक सौरभ श्रीवास्तव जी के अलावा जो कि कायस्थ एवं ब्राहमण बाहुल्य क्षेत्र है वर्तमान भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष पूर्व प्रदेश मंत्री महेश चंद श्रीवास्तव जी की भी प्रबल दावेदारी हो सकती है। के अलावा ब्राह्मण प्रत्याशियों में वहां वरिष्ठ भाजपा नेता अशोक तिवारी प्रदेश मंत्री भाजपा मीना चौबे जैसे अन्य कार्यकर्ताओं के नाम प्रमुख रूप से आते रहते हैं।
सर उत्तरी विधानसभा की बात करें तो वर्तमान विधायक व कैबिनेट राज्य मंत्री रविंद्र जयसवाल जी के अलावा वरिष्ठ भाजपा नेताओं में वैश्य छत्रिय मुस्लिम बाहुल्य माने जाने वाले इस विधानसभा क्षेत्र में इस विधानसभा क्षेत्र में पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश त्रिवेदी वरिष्ठ भाजपा नेता सुजीत सिंह टीका, नागेंद्र रघूवंशी , वाक्य निवासी भी हैं और प्रबल दावेदार भी हो सकते हैं । यहां भी बाहरी दलों से आए हुए लोग भाजपा प्रत्याशी हेतु आवेदन कर रहे हैं।
यह तो थी भाजपा के प्रबल विधानसभा दावेदारों की एक समीक्षा रिपोर्ट आगे हम प्रस्तुत करेंगे एक सर्वे के बाद की विभिन्न दलों से कौन-कौन से प्रत्याशी प्रमुख और प्रबल दावेदार हैं और विधानसभा सीटों पर क्या प्रभाव डाल सकते हैं ।

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